अस्त से उदय तक – छठ पर्व से सीखने योग्य जीवन पाठ

कभी हार मत मानो – क्योंकि सूरज भी हर शाम डूबकर फिर उगता है

Mon Oct 27, 2025

अस्त से उदय तक – छठ पर्व से सीखने योग्य जीवन पाठ

दुनिया कहती है — “जिसका उदय होता है, उसका अस्त होना तय है।”

लेकिन छठ पर्व हमें एक अलग दृष्टिकोण देता है। यह सिखाता है कि “जिसका अस्त होता है, उसका उदय होना भी तय है।”

जीवन में हर व्यक्ति कभी न कभी कठिनाइयों, असफलताओं या निराशा के दौर से गुजरता है। जब सब कुछ अंधेरा-सा लगता है, तब लगता है कि बस — अब कुछ नहीं बचा। लेकिन यही वो पल होते हैं, जब जीवन हमें परीक्षा देता है।

छठ पर्व की तरह, हमें भी यह विश्वास रखना चाहिए कि हर अस्त के बाद नया उदय जरूर होता है।

जैसे डूबते सूरज को भी छठ मईया को अर्घ्य दिया जाता है — क्योंकि लोग जानते हैं कि आज जो डूब रहा है, वो कल फिर उगेगा।

छात्र जीवन में भी यही बात लागू होती है —

कभी परीक्षा में नंबर कम आ जाएँ, कोई कॉन्सेप्ट समझ न आए, या बार-बार असफलता मिले — तो इसे “अस्त” मत समझो।

यह तो सिर्फ एक “ठहराव” है, जिसके बाद तुम्हारा “उदय” निश्चित है।

बस जरूरत है धैर्य, निष्ठा और निरंतरता की।

जैसे व्रती लोग बिना थके, बिना शिकायत के पूरे नियमों का पालन करते हैं — वैसे ही अगर तुम भी अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे रहो, तो सफलता खुद तुम्हारे कदम चूमेगी।

🌸 याद रखो —

“अंधेरा चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, सूरज कल फिर उगेगा।”

जय छठी मईया 🙏

Vikash Smith
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